https://youtu.be/vlVG5zVonwM
*भगवान न करें ऐसा हो अगर हो जाता है किसी भी भाई बन्धु के सगे सम्बन्धी परिवार व अपरिचित में भी positive आने पर हॉस्पिटल की जरूरत हो तो विनती है इस हॉस्पिटल में ही पहुँचने की कोशिश करें*
*वायरस और स्वस्थसमृद्धपरिवार का जंग*
https://www.youtube.com/playlist?list=PLMM_u3M8V11bf2dAPu2dTTKX91kbAB2VQ
*घरेलू चिकित्सा जो हर रसोई में उपलब्ध है*
*किसी भी प्रकार का गंध न महसूस कर पाना*
*सर्वप्रथम नाक में सरसों तेल लगाएं व अजवायन लौंग चूर्ण किलौंजी को तबे पर सेक कर कपूर मिलाकर पोटली बनाकर बारी बारी से दोनो नाक से लम्बी लम्बी साँस लेते हुए सूँघे सम्भव हो तो गौमूत्र या अमृतधारा या तुलसी रस सूँघे यह क्रिया निरन्तर करते रहे दो तीन दिनों तक या जबतक सूंघने की शक्ति वापस नहीं आ जाती*
*मुँह का स्वाद बिगड़ जाना या स्वाद महसूस नहीं कर पाना*
*लौंग कालीमिर्च के चूर्ण में काला नमक गुड़ व निम्बू रस मिलाकर चाटे या शहद में इसी चूर्ण को मिलाकर जीभ पर गलफड़े में मसाज करें व बनने वाली लार का सेवन करें थूके नहीं यह क्रिया भी बारम्बार करें*
*हर प्रकार के खाँसी के लिए*
*अदरक का छोटा टुकड़ा गुड़ या मिश्री स्वादानुसार अजवॉयन हल्दी दो तीन चुटकी एक एक लौंग कालीमिर्च को चबाकर इसका रस पीते हुए सो जाएं र्थात इसके सेवन के एक घण्टे तक पानी भी नहीं पीना है*
*अच्
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https://www.youtube.com/watch?v=FzfMXrbE_jA
*बाल झड़ना व गंजापन के श्राप से मुक्त हो जाये*
*नियमित्त 2 3 माह में इन रसों (जो जो उपलब्ध हो) को गंजस्थान पर रात को लगाकर सुबह मुल्तानी मिट्टी या दही या बेसन से धोये व सूखने के बाद एलोवेरा रस लगाये सबसे बड़ा परहेज साबुन शेम्पू का सेवन न करें व व्यसन न करें*
*कनेर ,निम , बेर,गुलर के पत्ते,तुलसी,धनिया,पुदिना,लहसुन,प्याज की चटनी का रस प्रत्येक 3 3 दिन*
*आयुर्वेदिक औषधि*
*सर्वप्रथम 3 दिन भोजन के बाद विडगवासव 2 चम्मच 2 चम्मच पानी मिलाकर सेवन करें इससे पेट के कीड़े नस्ट हो जाता है*
*3 दिन बाद से*
*निम वटी गिलोय वटी व कायाकल्प वटी तीनो की एक एक गोली भोजन से एक घण्टा पहले*
*200ग्राम आमलकी रसायन 200 ग्राम भृगराज चूर्ण 400 ग्राम मिश्री चूर्ण 20 ग्राम सप्तामृत लौह व 10 ग्राम मुक्ताशक्ति भस्म को एक मे मिलाकर रखें व आधा छोटा चम्मच शहद या देशी गाय के दूध के साथ भोजन के 30 40 मिंट बाद 3 से 6 माह*
*बालो में तेल भृगराज या ब्रह्मी या शंखपुष्पी या आँवला का ही लगाये सम्भव हो तो घर मे बनाये इसके लिए पंचांग समेत ला कर साफ कर कूटकर नारियल या सरसो या तिल के तेल में तब तक पकाये जब तक सब जलकर काला न हो जाये , आँवला का तेल के लिए कच्चे आँवला को कद्दूकस कर रस सहित या सूखे ऑवला को 12 घण्टे तक पानी मे भिगोकर मसलकर तेल में मिलाकर पकाकर छानकर �
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https://www.youtube.com/watch?v=SldQd0y7iMs

चाणक्य नीति: इस परिस्थिति में पिया पानी होता है अमृत समान
महान दूरदर्शी विद्वान आचार्य चाणक्य ने मौर्य साम्राज्य की स्थापना करके अखण्ड भारत का निर्माण किया था। भारत के इतिहास में आचार्य चाणक्य का महत्वपूर्ण स्थान है। अपनी नीतियों के दम पर उन्होंने भारत की कई बार कठिन परिस्थतियों में रक्षा की। आचार्य चाणक्य की नीतियां आज भी व्यक्ति के लिए बहुत उपयोगी मानी जाती हैं। जो भी व्यक्ति नीतियों का पालन करता है, उसे जीवन में सभी सुख-सुविधाएं और कार्यों में सफलता अवश्य प्राप्त होती है। आईए जानें आचार्य की उन्हीं नीतियों में से एक के बारें में जिसमें उन्होंने बताया है कि व्यक्ति को किन परिस्थितियों में पानी नहीं पीना चाहिए।
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि-
अजीर्णे भेषजं वारि जीर्णे वारि बलप्रदम्।
भोजने चाऽमृतं वारि भोजनान्ते विषप्रदम्।।
इस श्लोक में आचार्य चाणक्य बताते हैं कि भोजन के तुरंत बाद पानी नहीं पीना चाहिए। खाना खाने के बाद जब तक खाना पच न जाए, तब तक पानी पीना स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक होता है। यदि कोई व्यक्ति भोजन के तुरंत बाद ज्यादा पानी पी लेता है तो उसके पाचन तंत्र को भोजन पचाने में काफी परेशानियां होती हैं। यदि खाना ठीक से पचेगा नहीं तो शरीर को उचित ऊर्जा प्राप्त नहीं हो सकेगी। अपच की स्थिति में पेट संबंधी रोग होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। भोजन के तुरंत बाद पानी पीने पर वह विष के समान कार्य करता है यानी भोजन के तुरंत पिया पानी फायदा नहीं नुकसान पहुंचाता है। भोजन के बीच-बीच में थोड़ा-थोड़ा पानी पी सकते हैं, लेकिन अधिक पानी पीना नुकसानदायक हो सकता है।
कब पिएं पानी
चाणक्य कहते हैं कि जब खाना पूरी तरह पच जाए तो उसके बाद पानी पीना चाहिए। खाना पचने के बाद पानी पीने पर वह अमृत के समान काम करता है। शरीर को भरपूर ऊर्जा प्रदान करता है और पाचन तंत्र भी स्वस्थ रहता है। पाचन तंत्र के स्वस्थ होने पर कब्ज, गैस, अपच आदि समस्याएं नहीं होती हैं।
ध्यान रखें, भोजन से कुछ देर पहले यानी एक घंटे या आधे घंटे पहले एक-दो गिलास पानी पी सकते हैं। खाना खाते समय बीच-बीच में एक-दो घूंट पानी पीना लाभदायक होता है। ऐसा करने पर खाना जल्दी पचता है। साथ ही, पाचन शक्ति भी बढ़ती है। हमें जब भी प्यास लगे, तब कम से कम एक गिलास पानी अवश्य पीना चाहिए। ऐसा करने पर हमारा शरीर पानी की कमी नहीं होती। इस बात का भी ध्यान रखें कि शारीरिक परिश्रम करने के तुरंत बाद पानी नहीं पिएं, ऐसे काम करने के बाद, कम से कम आधे घंटे रुककर पानी पीना चाहिए।
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https://www.youtube.com/watch?v=Tu7FvL1nJWQ