रिपोर्टर - राजीव प्रसाद : बलिया (UP)
गाय की सुरक्षा और सम्मान को लेकर योगी और मोदी सरकार के दावे चाहे कितने भी बड़े क्यों ना हो पर बलिया सिविल लाइन इलाके में सड़क के किनारे मरी हुई गाय को उठाने वाला कोई नही । जबकि प्रदेश के मंत्री उपेन्द्र तिवारी का आवास महज़ 100 मीटर दूरी पर है तो बलिया का पूरा प्रशाशनिक अमला महज 500 मीटर के दायरे में है ।
यू तो भारतीय राजनीति में गाय की चर्चा आजकल खासमखास है । ऐसे में क्या मजाल की कोई गाय का अपमान कर दे ।पर जिस गाय को लेकर पूरे देश मे तू तू मैं मैं से लेकर सामूहिक सजा देने का चलन हो गया हो ...उस गाय की एक मौत ने समाज सरकार और प्रशाशन की संवेदनहीनता की तस्वीर पेश कर दी।जी हां बलिया जनपद के सिविल लाइन इलाके में सड़क के किनारे एक गाय की मौत हो गई ।मरी हुई गाय को हर राहगीर देखता हुआ आगे चला गया पर किसी ने भी प्रशाशन को इत्तला करने की जहमत नही उठाई । गाय जिस सिविल लाइन इलाके की रोड पर मरी हुई पड़ी है वहा से महज 100 मीटर दूर प्रदेश सरकार के मंत्री उपेन्द्र तिवारी का आवास भी है।पर दुर्भाग्य देखिये मरी हुई गाय पर ना भगावाधारियों की नज़र पड़ी और ना गो रक्षकों की ।
ज़िंदा गायों की सुरक्षा का दम्भ भरने वाली योगी सरकार में मरी हुई गाय को कितना सम्मान मिलता है ।ये महज़ इस नज़ारे से साफ हो जाता है कि सिविल लाइन के इस इलाके में 500 मीटर के घेरे में डीएम एसपी से लेकर पूरा प्रशाशनिक अमला रहता है ।पर किसी भी अधिकारी या सरकारी अमले ने गाय को रोड से उठाने की कोशिश नही की।राहगीरों के मुताबिक जब उन्होंने एसडीएम सदर को मरी हुई गाय की सूचना दी तो एसडीएम साहब ने पल्ला झाड़ते हुए नगरपालिका को सूचित करने की सलाह दे डाली ।
जब मंत्री उपेन्द्र तिवारी से इस सन्दर्भ में बातचीत की गयी तो मंत्री जी का कहना था कि हमें जानकारी नही है लेकिन मंत्री जी जानकारी हो न हो ये पब्लिक है सब जानती है ये पब्लिक है ...
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