*रसोईघर भोजनालय ही नहीं ब्रह्मांड की प्रथम औषधालय, निरोगी जीवन का मूल आधार शुद्ध सात्विक जैविक आहार विहार जागरूकता अभियान से जुड़ें साथ सहयोग आशीर्वाद अनुभव मार्गदर्शन दें ,जीवन मे भाई राजीव दीक्षित जी के व्यख्यानो को जरूर सुनें*
*समाजिक कार्यक्रम में स्वदेशी चिकित्सा शिविर का आयोजन हेतु 9958148111 पर सम्पर्क करें*
*?नयन आँखों में दर्द के लिए?*
*विभिन्न घरेलू आयुर्वेदिक औषधियों से उपचार*
*एक चम्मच त्रिफला को दो कप पानी मे चौथाई रहने तक काढ़े बनाकर छानकर इसकी बूंदे आंखों में डालने या इस पानी से धोने से हर प्रकार के आंखों का दर्द दूर होता है*
*स्तनपान कराने वाली माता का दूध आंखों में डालने से रक्तपित्त और वातजन्य से उतपन्न आंखों का दर्द समाप्त हो जाता है*
*आंवला को पानी के साथ सिल पर पीसकर टिकिया बना लें और उसे बंद आंखों पर रखकर पट्टी बांध दें। इससे आंखों के दर्द के साथ-साथ पित्त की पीड़ा भी ठीक हो जाती है।*
*नीम के पत्तों को सिलपर पीसकर टिकिया बना लें। इस टिकिया को आंखों पर रखकर पट्टी बांधने से पित्त और कफ (बलगम) की पीड़ा (दर्द) दूर हो जाती है।*
*मुलहठी, पीला गेरू, सेंधानमक, दारूहल्दी और रसौत इन सबको बराबर मात्रा में लेकर पानी के साथ सिल पर पीसकर लेप बना लें। इस लेप को आंखों के बाहर लगाने से आंखों के सभी रोग समाप्त हो जाते हैं। इससे आंखों के दर्द और खुजली में विशेष लाभ होता है।*
*सोते समय ग्वारपाठे के गूदे का रस आंखों में डालने से आंखों का दर्द दूर होता है।*
*रसौत को घिसकर गुलाबजल में मिलाकर आंखों में लगाने से गर्मी के कारण दुखती हुई आंखों का लाल होना दूर होता है।*
*प्याज का रस आंखों मे डालने से आंखों का दर्द ठीक हो जाता है।*
*पुराने घी को आंखों में काजल की तरह लगाने से आंखों के कई रोग दूर हो जाते हैं।*
*अन्य सफल सरल रामबाण उपचार : सुबह उठते ही अपना थूक आंखों में काजल की तरह लगाते रहने से आंखों की सभी बीमारियां दूर हो जाती हैं और बाद में भी आंखों का कोई रोग नहीं होता है।*
*प्रतिदिन सबेरे बिछौने से उठते ही सबसे पहले मुँह में जितना पानी भरा जा सके उतना भरकर दूसरे जल से आँखों को बीस बार झपटा मारकर धोना चाहिये । प्रतिदिन दोनों समय भोजन के बाद हाथ - मुँह धोते समय कम - से - कम सात बार आँखों में जल का झपटा देना चाहिये जितनी बार मुँह में जल डाले , उतनी बार आँख और मुँह को धोना न भूले । प्रतिदिन स्नान काल में तेल मालिश करते समय पहले दोनों पैरों के अंगूठों के नखों को तेल से भर देना चाहिये और फिर तेल लगाना चाहिये । ये नियम नेत्रोंके लिये विशेष लाभदायक हैं । इनसे दृष्टिशक्ति तेज होती हैं , आँखें स्निग्ध रहती हैं और आँखोंमें कोई बीमारी होनेकी सम्भावना नहीं रहती । नेत्र मनुष्यके परमधन हैं । अतएव प्रतिदिन नियमपालनमें कभी आलस्य नहीं करना चाहिये ।*
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